ज़माना खराब है, तुमसे ज़रूरी कुछ नहीं
मुझे बस खबर रहे, और खास कुछ नहीं
हाल अपना बताती रहना, पूछ नहीं पाऊंगा
फ़िक्र बहुत है मगर, तुमसे कह नहीं पाऊंगा
खफा तुम होगी, लाज़मी है, शिकायत नहीं रखता
मेरा रब, मेरी जान हो, तुम्हे नाराज़ नहीं रखता
थोड़ा इश्क़ में नया हूं, खरा उतर नहीं पाऊंगा
तुम खुद मान जाना, तुमसे कह नहीं पाऊंगा
रास्ता लंबा है हमसफ़र, तकरार बहुत होंगे
मेरे तुम्हारे मन के विपरीत काम बहुत होंगे
मैं, तो कभी तुम करोगे, गुस्सा सह नहीं पाऊंगा
तुम धीरे से समझाना, तुमसे कह नहीं पाऊंगा
-अनुज सिंघल
बहुत बढ़िया।
ReplyDeleteThank you!
DeleteBahut hi umdaa
ReplyDeleteThank you!
Delete-Anuj
Anuj wah ... 👏👏👏
ReplyDeleteThank you!
Delete-Anuj
🙌🙌
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