उसने ख्वाब में आना था, सोना सीख गया...
उसने दूर जाना था, मैं रोना सीख गया...
वो पल भर के लिए ही दूर हुई थी अभी...
उसी पल को जीकर, मैं खोना सीख गया...
लब छुए जबसे, तबसे गा सकता हूँ...
आँखें छुई जबसे, सब देख सकता हूँ...
मुझे इंसान बनाने की हकदार वो है...
उसने दिल छुआ, अब प्यार कर सकता हूँ...
उसने नज़रें मिला देखा, शर्माना सीख गया...
उसकी "छोड़ो ना" सुन कर, नज़ाकत सीख गया...
कल सपने में ही सही, वो हाँ कह गयी...
उसी सपने को देख कर, मैं जीतना सीख गया...
- सिंघल
Well attempt...
ReplyDeleteWell attempt...
ReplyDeleteSimply wow !!!
ReplyDeleteSuperb!!
ReplyDeleteVery well written....
ReplyDeleteThank You Ma'am. :)
DeleteAwsmmmmm :) :* ;) !!!!
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