कभी हसने की वजह बनता है...
कभी मुफ्लिस की दुआ बनता है...
दो रिश्तों को जोड़ता है प्यार...
एक अनोखा बंधन है प्यार...
कभी पल भर में ही बनता है...
कभी मिट कर, फिर न बनता है...
जीवन की नाज़ुक कड़ी है प्यार...
ज़िन्दगी में हर घडी है प्यार...
इसके रूप है विभिन्न, सारे न जान पाया...
पूछा दुनिया से, मगर, सारे न पूछ पाया...
कभी कुदरत तो कभी जानवर से प्यार...
इंसान को इंसान बनाता है ये प्यार...
जिन्हे नहीं है, ज़रा आज़मा के देखो...
तुम भी किसी से दिल लगा के देखो...
अनुज के लिखने का कारण है प्यार...
सभी गम भुला देता है ये प्यार...
लेखक - अनुज सिंघल